आपने आज तक बहुत तरीके की ट्रेंस देखी होगी। जिसमें मेट्रो, ट्रेन बुलेट ट्रेन और साधारण ट्रेन भी शामिल है। लेकिन मैं आज आपको राजस्थान की एक ऐसी ट्रेन के बारे में बताऊंगा जो कि अपने आप में किसी पांच सितारा होटल से कम नहीं है।आप इस ट्रेन में वह सब कुछ देख सकते हैं जो कि राजस्थान में मौजूद है। इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि यह ट्रेन कितनी भव्य है। इस ट्रेन में आपको जिम से लेकर वह सब कुछ मिल जाता है जो कि आप सोच सकते हैं। इसीलिए इसका नाम पैलेस ऑन व्हील रखा गया है। जिसका मतलब होता है घूमता फिरता महल।
तो चलिए चलते हैं पैलेस ऑन व्हील के सफर पर।
भारतीय रेलवे द्वारा राजस्थान सरकार के लिए चलाई जाती है पैलेस ऑन व्हील
पैलेस ऑन व्हील वैसे तो भारतीय रेलवे द्वारा चलाई जाती है। लेकिन यह ट्रेन राजस्थान सरकार के खर्चे पर चलती है। यानी कि इसके रखरखाव से लेकर संचालन तक का पूरा खर्चा राजस्थान सरकार उठाती है। इस ट्रेन में आपको राजस्थान की स्थानीय झांकी देखने को मिलती है।
पैलेस ऑन व्हील की खास बातें
पैलेस ऑन व्हील में कुल 14 कोच लगे हुए हैं। इन कोचों की खास बात यह है कि आपको एक कोच से दूसरे कोच में जाने के लिए उतरकर जाने की जरूरत नहीं है। यह कुछ इस तरीके से डिजाइन किए गए हैं कि आप एक बार में ही पूरी ट्रेन का सफर कर सकते हैं। या फिर इस ट्रेन को देख सकते हैं।
इस ट्रेन के 14 कोचों का नाम राजस्थान के जिलों के आधार पर रखा गया है। जैसे जैसलमेर,उदयपुर ,जयपुरभ,धौलपुर जोधपुर आदि। इसके अलावा बाकी बचे हुए कोचों के नाम भी राजस्थान के जिलों के आधार पर रखे गए हैं।
क्या क्या देखने को मिलता है आपको पैलेस ऑन व्हील में
यदि आप प्लेस ऑन व्हील्स में सफर करते हैं तो यह आपकी जिंदगी का कभी ना भुला सपने वाला लम्हा होगा। इस ट्रेन में आपको राजा महाराजाओं की तरह ट्रीट किया जाएगा। साथ ही साथ इसमें आपको जिम रेस्टोरेंट जैसी सुविधाएं भी मिलती है। इस ट्रेन में आपको 24/7 खुला रेस्टोरेंट मिलता है।इसके अलावा मसाज और पार्लर जैसी सुविधाएं भी इस ट्रेन में मौजूद है। हालांकि मसाज के लिए आपको अलग से चार्ज देना होगा। ट्रेन के बाथरूम वेस्टर्न स्टाइल में डिजाइन किए गए हैं। यहां पर आपको सावर के लिए भी अलग से बाथरूम मिलेगा।सागर के लिए गर्म और ठंडे दोनों प्रकार के पानी के फाउंटेन लगाए गए हैं।
तीन बार मिल चुका है सबसे भव्य ट्रेन का किताब
आप पैलेस ऑन व्हील की भव्यता का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि इस ट्रेन को तीन बार दुनिया की सबसे भव्य ट्रेन होने का दर्जा मिल चुका है। इसके अलावा और भी बहुत सारे अवार्ड इस ट्रेन को अभी तक दिए जा चुके हैं। आपको बता दें कि इस ट्रेन का संचालन 1982 से किया जा रहा है। और यह भारत की एकमात्र ऐसी ट्रेन है जो कि आज दिन तक कभी भी घाटे में नहीं चली है।
प्लेस ऑन व्हील का क्रेज टूरिस्ट्स में भी काफी देखने को मिलता है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार हर साल प्लेस ऑन व्हील्स की ज्यादातर बुकिंग एडवांस बुकिंग में ही फुल हो जाती है। हर साल इसके 70 से लेकर 90 फ़ीसदी तक बुकिंग एडवांस बुकिंग में ही हो जाती है। ऐसे भी यदि आपको इस ट्रेन में घूमना है तो आपको एडवांस बुकिंग ही करवानी होगी। आपको बता दे इस ट्रेन का संचालन राजस्थान पर्यटन निगम करता है। और आप उस की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर इस ट्रेन के लिए टिकट बुक करवा सकते हैं।
खाने का मेनू क्या रहता हैं प्लेस ऑन व्हील का?
प्लेस ऑन व्हील के खाने की मेनू की बात करें तो यहां पर भी आपको एक लंबी लिस्ट देखने को मिलती है। प्लेस ऑन व्हील्स में लगभग 36 प्रकार का भोजन परोसा जाता है। इसमें राजस्थान की फेमस डिश दाल बाटी चूरमा से लेकर, बिहार की फेमस डिश लिट्टी चोखा तक है। साथ ही साथ यहां पर आपको बंगाल की फेमस डिश मिष्टि दोई भी देखने को मिलती है। इसके अलावा रसगुल्ला गुलाब जामुन जैसी डिश भी आपको डेजर्ट में देखने को मिलती है।इस बार पैलेस ऑन व्हील के खाने के मैन्यू में कुछ वेस्ट रेंट डिसीज को भी शामिल किया गया है। जिसमें फ्रेंच और चाइनीस डिशेज शामिल है।
साथ ही साथ आपको यहां पर रेस्टोरेंट में बीयर और सैंपियन भी मिल जाती है ऐसे में यदि आप ट्रिप के दौरान सैंपियन का मजा उठाना चाहते हैं तो वह भी उठा सकते हैं। ऐसे में यदि आपपैलेस ऑन व्हील में ट्रेवल कर रहे होंगे तो आपको किसी भी चीज की कमी महसूस नहीं होगी हां इस ट्रेन के लिए आपको भारी भरकम बजट जरूर खर्च करना पड़ेगा लेकिन यह जिंदगी भर के लिए कभी भी ना भुला सके वाला लम्हा आपके लिए साबित होगा।
कब से कब तक चलती है पैलेस ऑन व्हील
पैलेस ऑन व्हील का संचालन सितंबर से लेकर अप्रैल माह तक किया जाता है। इस दौरान हर महीने इस ट्रेन का संचालन किया जाता है। ऐसे में यदि आप राजस्थान की सबसे भव्य ट्रेन या कहीं की दुनिया की सबसे भव्य ट्रेन में घूमना चाहते हैं तो, फिर आपका स्वागत है। प्लेस ऑन व्हील में घूमने का सही समय अक्टूबर या नवंबर रह सकता है। क्योंकि इस समय यहां पर हल्की हल्की ठंड पड़ती है। और गुलाबी नगरी की गुलाबी ठंड पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। ऐसे में यदि आप पैलेस ऑन व्हील में घूमना चाहते हैं तो अक्टूबर-नवंबर की एडवांस बुकिंग करवा ले। क्योंकि इस समय यहां पर टूरिस्ट्स भी ज्यादा आते हैं। अप्रैल के समय में यहां पर थोड़ी गर्मी पड़ने लग जाती है। ऐसे में आपको कुछ दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। वैसे ट्रेन में आप को फुल एसी का मजा भी मिलेगा।लेकिन जब आप आउटडोर के लिए घूमने जाते हैं तब, आपको गर्मी का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में अक्टूबर-नवंबर का समय आपके लिए सबसे सही रहेगा।
पैलेस ऑन व्हील का किराया कितना है?
यदि आप विदेश से घूमने आ रहे हैं तो आपको इसके लिए ज्यादा से ज्यादा ₹875000 चुकाने पड़ सकते हैं। वैसे ट्रेन के कोच तीन श्रेणियों में बटे हुए हैं। पहले श्रेणी के कोच डीलक्स श्रेणी के होते हैं। इसमें आप 2 लोग एक साथ घूम सकते हैं। इसका किराया लगभग ₹35000 1 दिन का है। इसके अलावा दूसरी श्रेणी के कोच सुपर डीलक्स श्रेणी के हैं। इसका किराया लगभग ₹40000 पड़ता हैm इसमें एक व्यक्ति को अकेले घूमने का मौका मिलता है। और यदि आप सुपर लग्जरी डीलक्स श्रेणी के कोच को बुक करवाते हैं तो आपको एक प्राइवेट केबिन जाता है। सभी कोचों में आरामदायक बैड और सोफा लगे हुए हैं।
भारतीयों के लिए कम प्लेस ऑन व्हील्स का किराया
यदि आप भारतीय हैं, और पैलेस ऑन व्हील में घूमना चाहते हैं तो आपके लिए राहत की खबर है। इस ट्रेन में आपको किराया कम चुकाना पड़ेगा। पैलेस ऑन व्हील्स का किराया भारतीयों के लिए ज्यादा से ज्यादा 450000 का है। यहां पर भी आपको तीन श्रेणियां मिलेगी। आप जो भी चाहे वह चुन सकते हैं। वैसे मेरा अनुभव यह रहा है कि आप सबसे कम किराए वाला कोच चुने। क्योंकि सभी कोचों में लगभग एक जैसी सुविधाएं ही मिलती है। हां आपको थोड़ा स्पेस ज्यादा मिल जाता है। जो कि महंगे वाले कोच हैं।
किन-किन स्थानों पर ले कर जाएगी आपको पैलेस ऑन व्हील
पैलेस ऑन व्हील का कुल टूर प्लान साथ रात और 8 दिन का होता है। सबसे पहले पैलेस ऑन व्हील दिल्ली के सफदरजंग रेलवे स्टेशन से शुरू होती है। यहां से यह ट्रेन आपको सबसे पहले दिल्ली, फिर जयपुर उसके बाद भरतपुर के लिए आप जाते हैं। इसके बाद आप राजस्थान के सबसे सुंदर शहर उदयपुर पहुंचते हैं। इसके बाद आपको आगरा घुमाया जाता है। आगरा के बाद यह ट्रेन दिल्ली के सफदरजंग रेलवे स्टेशन पर वापस आती है। आपका स्वागत रेड कारपेट पर किया जाएगा। स्वागत के समय ही आपको अनुभव हो जाएगा कि यह दुनिया की सबसे भव्य ट्रेनों में से एक क्यों है? आपका स्वागत बिल्कुल राजा महाराजाओं की तरह किया जाएगा।
भारत की सबसे पुरानी भव्य ट्रेन है पैलेस ऑन व्हील
पैलेस ऑन व्हील का संचालन 1982 से किया जा रहा है। आपको बता दें कि भारत की सबसे भव्य ट्रेनों में से एक पैलेस ऑन व्हील भारत की सबसे पुरानी भव्य ट्रेन है।
हालांकि इसका संचालन बीच में कुछ समय के लिए रोक दिया गया था। लेकिन बाद में पैलेस ऑन व्हील का संचालन 2009 से वापस शुरू कर दिया गया। और तब से ही यह ट्रेन लगातार हर साल चल रही है। ऐसे में यदि आप पैलेस ऑन व्हील में घूमना चाहते हैं तो फिर आपका स्वागत है।